चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य के युवाओं को रोजगार को लेकर बड़ा फैसला किया है। मनोहरलाल सरकार ने फैसला किया है कि राज्य के युवाओं को नौकरी देने वाले उद्योगों को प्रति ऐसे कर्मचारी 48 हजार रुपये की सब्सिडी देगी। इसके साथ ही ऐसे उद्योगों को बिजली बिल में भी छूट मिलेगी। बता दें कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने राज्य के युवाओं को निजी उद्योगों में 75 फीसद का विधेयक पारित कराया था, लेकिन यह राज्यपाल के पास अटक गया।
Subsidy will be given to industries employing Haryanvis
Chandigarh. Haryana government has taken a big decision regarding employment of the youth of the state. The Manoharlal government has decided that the industries employing the youth of the state will give a subsidy of Rs 48,000 per such employee. With this, such industries will also get exemption in electricity bill. Explain that earlier, the Haryana government had passed a 75 percent bill to the youth of the state in private industries, but it got stuck with the Governor.
हरियाणा ने निर्णय लिया है कि राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों को आकर्षित करने के लिए उनको हरियाणा इंटरप्राइजेज एंड इंप्लाइमेंट प्रोमोशन पालिसी-2020 के तहत 20 वर्ष तक बिजली शुल्क में छूट दी जाएगी। पहले यह छूट केवल 10 वर्ष के लिए ही लागू थी। इसके अलावा, उन उद्योगों को 48 हजार रुपये प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष सब्सिडी दी जाएगी, जो हरियाणा के व्यक्तियों को अपने उद्योग में रोजगार देंगे। यह सब्सिडी सात वर्ष तक जारी रहेगी।
हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का कार्यभार देख रहे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अनुसार स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स की एवज में अधिकतम 10 वर्ष के लिए 100 फीसदी इन्वेस्टमेंट सब्सिडी भी देकर निवेशकों को विशेष लाभ देने की दिशा में कदम उठाया गया है।
दुष्यंत के अनुसार, धान की पराली व अन्य फसलों के अवशेषों के प्रबंधन के लिए लगाए जाने वाले उद्योगों के लिए भी इस पालिसी में विशेष छूट देने की योजना बनाई गई है, ताकि राज्य बिजली के क्षेत्र में जहां आत्मनिर्भर बन सके। वहीं, प्रदूषण से देश-प्रदेश को छुटकारा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि एचइइपी का प्रारूप फाइनल कर लिया गया है, जल्द ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
दुष्यंत चौटाला हरियाणा इंटरप्राइजेज एंड इंप्लाइमेंट प्रोमोशन पालिसी-2020 से संबंधित अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा तैयार की गई नई औद्योगिक नीति एचइइपी में जहां देश की 151 औद्योगिक एसोसिएशनों से सुझाव लिए गए हैं, वहीं गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और राजस्थान समेत अन्य राज्यों की औद्योगिक नीतियों का भी अध्ययन किया गया है ताकि हरियाणा के लिए बनने वाली पालिसी सर्वोत्तम बनाई जा सके।
उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट-पालिसी करीब एक महीने तक पब्लिक-डोमेन में अपलोड की गई ताकि स्टेक होल्डर इसका अध्ययन कर अपने सुझाव दे सकें। बैठक में सीएम के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव एके सिंह व निदेशक साकेत कुमार, अतिरिक्त निदेशक वजीर सिंह, उप मुख्यमंत्री के ओएसडी कमलेश भादू प्रमुख रूप से मौजूद रहे।